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सरस्वती वंदना : प्रार्थना सभा की शान

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

वीणा पाणी मां शारदा के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम !

          साथियों ! प्रार्थना सभा हर विद्यालय की शान होती है। वास्तव में प्रार्थना सभा किसी भी विद्यालय के संपूर्ण चरित्र का दर्पण के समान प्रतिनिधित्व करती है। प्रार्थना सभा सरस्वती वंदना, ईश वंदना, प्रेरणा गीत, प्रेरक प्रसंग, सुविचार, समाचार वाचन आदि गतिविधियों का ऐसा समागम होता है जहां न केवल विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों के दिन की एक बेहतरीन शुरुआत होती है बल्कि विद्यार्थियों को आगे आकर अपनी प्रतिभा को बहुमुखी आयाम देने का सबसे उत्तम विकल्प भी होती है।

        किसी भी विद्यालय की प्रार्थना सभा को श्रेष्ठ रूप देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सुंदर सरस्वती वंदना। अक्सर देखने में आता है कि अधिकांश विद्यालयों में चुनिंदा छात्राओं द्वारा प्रतिदिन एक ही सरस्वती वंदना प्रस्तुत की जाती है। यदि हम अपने विद्यालय में सरस्वती वंदना के लिए छात्र और छात्राओं के चार-पांच दल बनाकर उनसे प्रतिदिन अलग-अलग सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दिलवाए तो निसंदेह हमारी प्रार्थना सभा अधिक प्रभावी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए इस पोस्ट में चुनी हुई सात सरस्वती वंदना आपकी सेवा में प्रस्तुत है।


वंदना - 1 हंस वाहिनी ऐसा वर दो!

हंस वाहिनी ऐसा वर दो, अवगुण हरकर सदगुण भर दो।
हंस वाहिनी ऐसा वर दो अवगुण हरकर सदगुण भर दो।
पढ़ लिख माता हम विद्वान बन जाएंगे,
भारत से अज्ञानता को दूर भगाएंगे,
दुखियों की सेवा दिल में भर दो, अवगुण हरकर,,,,,,,,,
हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भाषा का विवाद मैया देश से मिटायेंगे,
हम सब एक हैं ये भावना जगायेंगे,
वाणी में आज मैया सब के भर दो, अवगुण हरकर,,,,,
हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
झूठ और पाप के हम पास नहीं जाएंगे,
अन्यायी के आगे कभी शीश ना झुकाएंगे,
बाबू सा कोमल हृदय कर दो, अवगुण हरकर,,,,,,,,,,
हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हम सब मैया तेरे नित गुण गाते हैं,
दामन फैलाकर दिल से चाहते हैं,
दुश्मन को सज्जन मैया दिल से कर दो, अवगुण हरकर,,,
हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अवगुण हरकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अवगुण हरकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,

वंदना- 2  जयति जय मां सरस्वती

जयति जय जय मां सरस्वती, जयति वीणा वादिनी
जयति पद्मासना माता, जयति शुभ वर दायिनी
जयति वीणा वादिनी
जयति जय जय मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जगत का कल्याण कर मां, तू है विघ्न विनाशिनी
जयति जय जय मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कमल आसन छोड़ दे मां देख जगत की दुर्दशा
जयति वीणा वादिनी
जयति जय जय मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शांति की दरिया बहा मां, तू है शुभ वर दायिनी
जयति वीणा धारिणी
जयति जय जय मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जयति जय जय मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


वंदना- 3. हे शारदे मां

हे शारदे मां हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
हे शारदे मां हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
हम हैं अकेले हम हैं अधूरे,
तेरी शरण हम हमें प्यार दे मां
हे शारदे मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मुनियों ने समझी गुणियों ने जानी
वेदों की भाषा पुराणों की वाणी
हम भी तो समझें हम भी तो जाने 
विद्या का हमको अधिकार दे मां
हे शारदे मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तू श्वेत वर्णी कमल पर विराजे
हाथों में वीणा मुकुट सिर पर साजे
मन से हमारे मिटा दे अंधेरे
हमको उजालों का संसार दे मां
हे शारदे मां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हे शारदे मां हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां


वंदना- 4. मां शारदे तुम्हें आना होगा

(तर्ज- झिलमिल सितारों का आंगन होगा)

मां शारदे तुम्हें आना होगा वीणा मधुर बजाना होगा
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरे मन मंदिर में मैया आना होगा,
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सा रे गा मा प ध नि सा मैया मैं तो जानू ना
सात स्वरों को मैया मेरी मैं तो पहचानू ना
कीर्तन में मैया तुम्हें आना होगा वीणा मधुर बजाना होगा
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तू ही अंबे तू ही दुर्गा तू ही महाकाली है 
भक्तों की मेरी अंबे मैया करती रखवाली है
ज्योति में तुमको समाना होगा वीणा मधुर बजाना होगा
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तेरे बिना मैया मेरी साधना अधूरी है
सबसे पहले मैया तेरी वंदना जरूरी है
ताल से ताल मिला ना होगा वीणा मधुर बजाना होगा
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


वंदना- 5. वीणा वाली मां शारदे

(तर्ज - तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे)
वीणा वाली मां शारदे,,,, वीणा तुम बजा देना - 2
मैया अपनी-2 वीणा से जरा रस बरसा देना
वीणा वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
श्वेत वसन वाली है,,,, हंस की सवारी है-2
प्रेम भरे-2 आंचल को मुझपे ओढ़ा देना
वीणा वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तू जग से न्यारी है,,,, जग तेरा पुजारी है-2
प्रेम भाव-2 से सब रहे ऐसा ज्ञान दे जाना
वीणा वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
स्वर तो ज्ञान नहीं,,,, लय का ठिकाना नहीं-2
संगीत सागर से,,,, स्वर सुधा पिला देना-2
वीणा वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैया अपनी वीणा से जरा रस बरसा देना
वीणा वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


वंदना- 6. मां शारदे

मां शारदे,,,,,, मां शारदे,,,,-2
मैया हम तो हैं बालक तेरे मां sss....
मां शारदे,,,,,, मां शारदे,,,,-2
मैया हम तो हैं बालक तेरे मां sss....
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तू है दयालु बड़ी मां वीणा पाणी करती दया हो अंबे भवानी
मैया विद्या का आके हमको भी भंडार दे
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कर दो हमारी आज मां पूरी आशा
 कब से है कब से है हम तेरे दर्शन को प्यासा
मैया दर्शन हमें भी आके मां एक बार दे
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मांगे ना लाख तुमसे दौलत खजाना
सात स्वरों का मुझको अमृत पिला दे
मैया मेरी माता के जैसे बस प्यार दे
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैया हम तो हैं बालक तेरे
मां शारदे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


वंदना- 7. हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी
हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी अंब विमल मति दे - 2
जग सिर मोर बनाए भारत वह बल विक्रम दे
हे हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
साहस शील हृदय में भर दे जीवन त्याग तपो में कर दे -2
संयम सत्य स्नेह का वर दे स्वाभिमान भर दे - 2
हे हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
लव कुश ध्रुव प्रह्लाद बने हम मानवता का त्रास हरे हम -2
सीता सावित्री दुर्गा मां फिर घर घर भर दे - 2
हे हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हे हंस वाहिनी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


        साथियों ! उपर्युक्त सभी सरस्वती वंदना अलग-अलग कलाकारों की आवाज में यूट्यूब पर उपलब्ध है आप अपने विद्यालय के छात्र छात्राओं को किसी भी वंदना के लय ताल की जानकारी देने के लिए उनका उपयोग कर सकते हैं। आशा करता हूं मेरा यह सात सरस्वती वंदना एक ही पोस्ट में उपलब्ध करवाने का छोटा सा प्रयास आपके लिए उपयोगी होगा। आपके विद्यालय की प्रार्थना सभा अधिक प्रभावी तथा सर्वश्रेष्ठ हो इसी आकांक्षा के साथ,,,,

                              आपका स्नेहाकांक्षी -
                                 ✍ सांवर चौधरी

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