दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय।। प्रिय साथियों प्रणाम ! प्रार्थना सभा विद्यालय में हमारे दिन का शुभारंभ है। प्रभावी प्रार्थना सभा न केवल विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों के मन को भी शांत, एकाग्र चित् और प्रसन्न बना देती है। और जब दिन की शुरुआत ऐसी हो तो निस्संदेह हमारा पूरा दिन बड़ा शानदार गुजरता है और हम मनोयोग से अपने कार्य को एन्जोय करते हैं। प्रार्थना सभा में सरस्वती वंदना के पश्चात ईश वंदना का विशेष महत्व है। हम जगत् के पालक ईश्वर से समस्त सृष्टि के लिए दया की कामना करते हुए स्वयं दयामय हो जाते हैं। इसी प्रयोजन से इस पोस्ट में मैने बहुत अच्छी पांच ईश वंदनाएं संकलित की हैं जिनको आप अपने विद्यालय की प्रार्थना सभा में स्थान देकर उसकी श्री वृद्धि कर सकते हैं । आशा करता हूँ मेरा ये तुच्छ प्रयास आपकी कृपादृष्टि प्राप्त करेगा।
मिलता है सच्चा सुख,,,, (ईश वंदना-1)
मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान तुम्हारे चरणों में -२
यह विनती हर पल भगवन रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चाहे बैरी जग संसार बने चाहे जीवन मुझ पर भार बने
चाहे मौत गले का हार बने रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चाहे अग्नि में मुझे चलना हो चाहे कांटों पे मुझे चलना हो
चाहे छोड़कर देश निकलना हो रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो चाहे चारों ओर अंधेरा हो
पर मन मेरा ना डगमग हो रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जिह्वा पे तुम्हारा नाम रहे तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे
तेरी याद में आठों याम रहे रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
यह विनती हर पल भगवन रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में
मिलता है सच्चा सुख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ए मालिक तेरे बंदे हम,,,,, ( ईश वंदना-2 )
ए मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें, ताकि हंसते हुए निकले दम
ए मालिक तेरे बंदे हम ssssssss
ये अंधेरा घना छा रहा तेरा इंसान घबरा रहा
हो रहा बेखबर कुछ ना आता नजर, सुख का सूरज छिपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम, तू अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चलें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ए मालिक तेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें हम भलाई करें, नहीं बदले की हो भावना
बढ़ चले प्यार का हर कदम और मीठे बैर का यह भरम
नेकी पर चलें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ए मालिक तेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बड़ा कमजोर है आदमी अभी लाखों है इसमें कमी
पर तू जो खड़ा है दयालु बड़ा तेरी कृपा से धरती थमी
दीया तूने जब हमें जन्म तू ही झेलेगा हम सबके गम
नेकी पर चलें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ए मालिक तेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ए मालिक तेरे बंदे हम ssssssss
ए मालिक तेरे बंदे हम ssssssss
वह शक्ति हमें दो,,,, ( ईश वंदना-3 )
वह शक्ति हमें दो दयानिधे कर्तव्य मार्ग पर डट जाए
पर सेवा पर उपकार में हम निज जीवन सफल बना जावे
वह शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हम दीन दुखी विकलांगों के सेवक बन संताप हरे
जो है अटके भूले भटके उनको तारे खुद तर जावे
वह शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
छल दंभ द्वेष पाखंड झूठ अन्याय से निश दिन दूर रहे
जीवन हो शुद्ध सरल अपना सूचि प्रेम सुधा नित बरसावें
वह शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
निज आन मान मर्यादा का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे
जिस देश जाति में जन्म लिया बलिदान उसी पर हो जावे
वह शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पर सेवा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वह शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दया कर दान भक्ति का,,,, ( ईश वंदना-4 )
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना
हमारे ध्यान में आओ प्रभु आंखों में बस जाओ
अंधेरे दिल में आकर के परम ज्योति जगा देना
बहा दो प्रेम की गंगा दिलों में प्रेम का सागर
हमें आपस में मिलजुल कर प्रभु रहना सिखा देना
हमारा कर्म हो सेवा हमारा धर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा वो सेवक चर बना देना
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जां फिदा करना प्रभु हमें सिखा देना
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो ( ईश वंदना-5 )
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्हीं हो
टमुही हो साथी तुम्ही हो सहारे
कोई ना अपना सिवा तुम्हारे
तुम्ही हो नैया तुम्ही खिवैया
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्हीं हो
जो खिल सके ना वो फूल हम हैं
तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं
दया की दृष्टि सदा ही रखना
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्हीं हो
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो
तुम्ही हो बंधु सखा तुम्हीं हो
आपका स्नेहाकांक्षी-
✍ सांवर चौधरी
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आपके संबल हेतु हार्दिक धन्यवाद।