प्रसन्न चित्त बनो, प्रश्न चिह्न नहीं ।।
प्रणाम मित्रों!
कहा जाता है कि विद्यालय की दीवारें भी उसके चरित्र का आईना होती हैं। सच भी है अक्सर प्रत्येक विद्यालय में दीवारों पर इस प्रकार के अनमोल वचन, महापुरुषों के कथन, लोक में प्रचलित उक्तियां आदि लिखे हुए देखने को मिलते हैं जो एक ओर विद्यालय के चरित्र का प्रतिबिंब प्रस्तुत करते हैं, वहीं दूसरी ओर जाने-अनजाने में विद्यार्थियों को उत्तम संस्कार प्रदान करते हैं।
आज के इस लेख में मैं ऐसे ही कुछ वाक्य लेकर आया हूं जो किसी भी विद्यालय की दीवारों पर स्थान पाकर उसकी कीर्ति में श्री वृद्धि करेंगे। यह संकलन कुछ विद्वान मित्रों के सहयोग से किया गया है जिसमें महापुरुषों के मुख से निःसृत अनमोल वचन, महान ग्रंथों से उद्धृत प्रेरक कथन तथा जनमानस में प्रचलित उक्तियां को स्थान दिया गया है। आशा करता हूं कि यह तुच्छ सा प्रयास किसी शिक्षा मंदिर की शोभा बन कर मुझे अभिभूत करेगा।
जीवन का आधार है शिक्षा, बच्चों का अधिकार है शिक्षा।
शिक्षा का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्मनिर्भर बनाना है।
शिक्षा वह नींव है जिस पर हम अपने भविष्य का निर्माण करते हैं।
शिक्षा वही है जिसके द्वारा साहस का विकास हो, गुणों में वृद्धि हो और ऊंचे उद्देश्य के प्रति लगन हो।
जो ज्ञान केवल दिमाग में ही रह जाता है और हृदय में प्रवेश नहीं कर पाता, वह जीवन के अनुभव में व्यर्थ सिद्ध होता है।
कर्म में निष्ठा ही सच्ची सेवा है।
करना चाहते हो तो सेवा करो, जानना चाहते हो तो अपने आप को जानो, मानना चाहते हो तो ईश्वर को मानो।
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।
जीवन के हर कदम पर हमारी सोच, व्यवहार एवं कर्म ही हमारा भाग्य लिखते हैं।
जीवन की मंजिल पर रो-रो कर चलना पौरुष का अपमान है।
यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसे उसकी हर भूल शिक्षा दे सकती है।
ज्ञान संसार का सर्वोपरि, उत्कृष्ट और पवित्र तत्व है।
पाप ऐसा अंधेरा है जो ज्ञान के प्रकाश से मिट जाता है।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
नम्रता सद्गुणों की आधारशिला होती है।
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है।
अच्छे विचार सच्चाई की राह दिखाते हैं।
कर्तव्य से जी चुराना सबसे बड़ा पाप है।
छोटी-छोटी बातों में ही हमारे सिद्धांतों की परीक्षा होती है।
भूल सुधार मनुष्य का सबसे बड़ा विवेक है।
विद्या मानव का तीसरा नेत्र है।
सुख की चाह ना होना ही सबसे बड़ा सुख है।
झुकते वही हैं जिनमें जान होती है, अकड़ तो मुर्दों की पहचान होती है।
घमंड, अज्ञान और चिंता आयु को खा जाते हैं।
धैर्य कड़वा होता है परंतु उसका फल मीठा होता है।
सब्र का फल मीठा होता है।
सावधानी बुद्धिमानी की सबसे बड़ी संतान है।
प्रार्थना परिष्कार एवं परिमार्जन की उत्तम प्रक्रिया है।
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है।
सफलता के सूत्र- कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और पक्का इरादा।
असफलता का अर्थ है- सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं हुआ।
जो प्रत्येक कार्य में दूसरों का मुंह ताकते हैं वे जीवन में कोई महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त नहीं कर सकते।
लगातार अभ्यास से अज्ञानी भी विद्वान बन जाता है।
शालीनता बिना मोल मिलती है पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है।
अच्छी संगति सफलता का पहला सोपान है।
अच्छा शरीर भोजन को बताता है,
अच्छे संस्कार कुल को बताते हैं।
सोना कलयुग है, अंगड़ाई लेना द्वापर है, खड़े हो जाना त्रेता है और गतिमान होना ही सतयुग है।
अन्याय पूर्वक कमाया धन हमारे काम आ जाए यह निश्चित नहीं परंतु उसका दंड भोगना पड़ेगा यह निश्चित है।
विद्यार्थी एक कच्ची टहनी है जिसे इच्छा अनुसार मोड़ा जा सकता है।
शिक्षक वह दीपक है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है।
आत्मबोध- क्या मैंने आज का अपना कार्य पूर्ण कर लिया है?
सफलता का रास्ता ईमानदारी की पटरी से होकर ही जाता है.
समय की बर्बादी आपको विनाश की ओर ले जाती है.
“समय” राजा से रंक बना सकता है, रंक से राजा बना सकता है.
सफलता का कोई मंत्र नहीं है, यह तो सिर्फ परिश्रम का फल है
जो झुकता नहीं वह टूट जाता है इसलिए हमेशा अहंकार से दूर रहें.
लगातार परिश्रम करना ही सफलता की कुंजी है.
सत्य की कोई परिभाषा नहीं वह तो बस अटल है.
आपकी हार तब तक नहीं होती, जब तक आप स्वयं हार नहीं मान लेते।
क्रोध ऐसी आँधी है जो विवेक को नष्ट कर देती है|
दोस्तों उपर्युक्त अनमोल वचन अक्सर विद्यालय की दीवारों पर बिना किसी विद्वान के नाम इंगित किए लिखे मिलते हैं। इनके अलावा आप महान विद्वानों के नाम सहित कथन भी लिखवा सकते हैं। जो गूगल पर एक सर्च में उपलब्ध हैं। फिर भी कुछ महान विद्वानों के महान कथन आपकी सुविधा हेतु यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ।
अपने आदर्श को पाने के लिए सैकड़ों बार
असफल होने पर भी आगे बढ़ो ।
-स्वामी विवेकानंद
उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
- स्वामी विवेकानन्द
सत्याग्रह बल से नहीं ,हिंसा के त्याग से होता है ।
-महात्मा गाँधी
लोग चाहे मुट्ठी भर हों, लेकिन संकल्पवान हों, अपने लक्ष्य में दृढ आस्था हो, वे इतिहास को भी बदल सकते हैं ।
-महात्मा गाँधी
अच्छे शब्दों के प्रयोग से बुरे लोगों का भी दिल जीता जा सकता है
- भगवान बुद्ध
मनुष्य का सबसे बड़ा यदि कोई शत्रु है तो वह है उसका अज्ञान।
- चाणक्य
दूसरों द्वारा की गयी गलतियों से सीखो, अपने ऊपर प्रयोग करके सीखने में तुम्हारी आयु कम पड़ जाएगी।
-चाणक्य
सत्य से कीर्ति प्राप्त की जाती है और सहयोग से मित्र बनाए जाते हैं।
- चाणक्य
एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है
वो ये है कि व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है
उसे पूरे दिल और जोरदार प्रयास के साथ करे।
- चाणक्य
जैसे सूर्य आकाश में छुप कर नहीं विचर सकता उसी प्रकार महापुरुष भी संसार में गुप्त नहीं रह सकते।
-व्यास
कुमंत्रणा से राजा का, कुसंगति से साधु का, अत्यधिक दुलार से पुत्र का और अविद्या से ब्राह्मण का नाश होता है।
- विदुर
दया धर्म का मूल है, पाप – मूल अभिमान ।
तुलसी दया न छोडिए, जब लगि घट में प्रान ।
-तुलसीदास
तितली महीने नहीं क्षण गिनती है,
और उसके पास पर्याप्त समय होता है।
-रविन्द्र नाथ टैगोर
उच्चतम शिक्षा वह है, जो हमें सिर्फ जानकारी नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है।
-रवीन्द्र नाथ टैगोर
अनुशासन किसी के ऊपर थोपा नहीं जाता,
अपितु आत्म अनुशासन लाया जाता है ।
-अटल बिहारी वाजपेयी
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
-अब्दुल कलाम
सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
-अब्दुल कलाम
हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए।
-अब्दुल कलाम
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
-अब्दुल कलाम
छोटा लक्ष्य अपराध हैं; महान लक्ष्य होना चाहिए।
-अब्दुल कलाम
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
-अब्दुल कलाम
अंततः, वास्तविक अर्थों में शिक्षा सत्य की खोज है। यह ज्ञान और आत्मज्ञान से होकर गुजरने वाली एक अंतहीन यात्रा है।
-अब्दुल कलाम
एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे।
-अब्दुल कलाम
इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता हैं, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
-अब्दुल कलाम
जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जायें, उस दिन मान लीजिये आप कामयाब हो गये।
-अब्दुल कलाम
कृत्रिम सुख की बजाए ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
-अब्दुल कलाम
मनुष्य के लिए कठिनाइयाँ बहुत जरुरी हैं क्यूंकि उनके बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता।
-अब्दुल कलाम
युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।
-अब्दुल कलाम
अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।
-अब्दुल कलाम
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी।
-अब्दुल कलाम
एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती पर एक मिनट सोचकर लिया गया फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है ।
-अज्ञात
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आपके संबल हेतु हार्दिक धन्यवाद।